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छत्तीसगढ़

मुफ्त में तीर्थ यात्रा करा रही साय सरकार…पति संग रामाबाई ने किया रामलला का दर्शन…पढ़ें पूरी खबर

रायपुर। खेती-किसानी में उलझे द्वारिका पटेल ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उन्हें भी मुफ्त में तीर्थ यात्रा का मौका मिलेगा। उनकी पत्नी रामाबाई को भी कभी लगता नहीं था कि वह अपने पति के साथ रामलला का दर्शन करने अयोध्या जा पाएगी। जब से अयोध्या में मंदिर बना और रामलला विराजमान हुए तब से रामाबाई की इच्छा थी कि वह भी भगवान राम का दर्शन करें। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तीर्थ यात्रियों का चयन किए जाने के लिए आवेदन मंगाए जाने पर पटेल दम्पति ने अपना आवेदन जमा किया और ये भाग्यशाली रहे कि लॉटरी में भी दोनों का नाम निकल आया। अपना नाम आने के बाद खुद को सौभाग्यशाली मानते हुए पति-पत्नी ने खुशी-खुशी कोरबा से अयोध्या तक यात्रा की। अयोध्या से रामलला का दर्शन करने के बाद खुद को धन्य समझने वाले पटेल दम्पति ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित छत्तीसगढ़ की सरकार को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।

Chhattisgarh News : मुफ्त में तीर्थ यात्रा करा रही साय सरकार...पति संग रामाबाई ने किया रामलला का दर्शन...पढ़ें पूरी खबर

वहीं, रामलला दर्शन तीर्थ यात्रा के यादगार पलों को बताते हुए द्वारिका प्रसाद खुद को बहुत रोमांचित महसूस करते हैं। पाली विकासखंड के ग्राम चैतमा में रहने वाले किसान द्वारिका पटेल ने बताया कि पत्नी रामाबाई के साथ रामलला दर्शन के लिए चयन होने के बाद दोनों कोरबा से बस में सवार होकर बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां अन्य यात्रियों के साथ सभी का स्वागत अभिनंदन किया गया। स्पेशल ट्रेन में सवार होने के बाद वे अयोध्या तक पहुंचे। इस दौरान ट्रेन में भजन-कीर्तन का माहौल था और भगवान श्री राम के जयकारे के साथ लंबी दूरी की यात्रा का पता ही न चला।

दरअसल, अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर और उनकी प्रतिमा का दर्शन बहुत ही सुखद अनुभूति कराने वाला अविस्मरणीय पल था। रामाबाई ने बताया कि तीर्थ यात्रा में पति के साथ जाने का मौका मिला। अन्य तीर्थ यात्रियों के बीच मेल मिलाप और पारिवारिक रिश्ते जैसे अनुभव हुए। उन्होंने कहा कि यात्रा यादगार रही। अभी भी उस यात्रा को याद करने पर भगवान रामलला आंखों में दिखाई देते हैं। रामाबाई ने बताया कि हम दोनों दिन भर खेती किसानी के कार्य में व्यस्त रहते हैं और अपने गांव के आसपास से कही और नहीं जा पाते। छत्तीसगढ़ की सरकार ने घर से लेकर अयोध्या तक बस, स्पेशल ट्रेन और नाश्ते-भोजन के साथ रहने की व्यवस्था की और बिना पैसा लिए निःशुल्क में श्री रामलला दर्शन तीर्थ यात्रा योजना के माध्यम से हम जैसे परिवारों को सुनहरा मौका दिया उसके लिए हम हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।

वहीँ विशेष ट्रेन से अयोध्या से दर्शन कर लौटे बिलासपुर शहर के कोनी निवासी संतोष कोरी ने कहा कि सरकार की इस योजना से हम जैसे गरीबों को भी श्रीरामलला के दर्शन का सुअवसर मिल रहा है। अयोध्या धाम का दर्शन सौभाग्य की बात है। उन्होंने बताया कि यात्रा में सभी की सुविधा का ख्याल रखा गया, किसी भी तरह की समस्या नहीं हुई। सभी यात्रियों की सुविधाओं के लिए सरकार ने बेहतर इंतजाम किए थे। उनकी पत्नी गायत्री कोरी ने बताया कि यात्रा के दौरान उनकी तबीयत खराब होने पर डॉक्टरों ने उन्हें अपनी निगरानी में लिया और विशेष देखभाल की, जिससे उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की गई थी। सरकंडा की उर्मिला अग्रवाल ने भी सुखद यात्रा और श्रीरामलला के दर्शन कराने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताया।

फिलहाल, श्रीरामलला दर्शन योजना के अंतर्गत बिलासपुर संभाग से अब तक छह विशेष ट्रेनें श्रद्धालुओं को लेकर अयोध्या रवाना हुई हैं। बिलासपुर जिले के 1200 से अधिक लोगों को श्रीरामलला के दर्शन का मौका मिला है। योजना के तहत यात्रा कर लौटे निवासी अभिमन्यु पाण्डेय और उनकी पत्नी अनुराधा पाण्डेय ने अपनी अयोध्या यात्रा के सुखद अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यात्रा के दौरान उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई। सारी व्यवस्था बहुत अच्छी रही। मौका मिलने पर वह दोबारा जाना चाहती हैं। खान-पान से लेकर स्वास्थ्य सुविधा और यात्रा के दौरान भक्तों की सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया था। अनुराधा पाण्डेय ने बताया कि इस यात्रा का अनुभव उसके लिए अविस्मरणीय है।

Anil Sahu

मुख्य संपादक

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