राहुल गांधी की जम्मू-कश्मीर में आज 2 चुनावी रैली:पहली रामबन और दूसरी अनंतनाग में; दोनों जगह सुरक्षा के सख्त इंतजाम

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले फेज की 24 सीटों पर 18 सितंबर को वोटिंग होगी। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बुधवार को प्रचार के लिए दिल्ली से श्रीनगर के लिए निकल चुके हैं।
राहुल की पहली रैली रामबन के गूल में और दूसरी अनंतनाग के डूरू में दोपहर 1.30 बजे से होगी। इसके लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दोनों जगह सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं।
कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर के मुताबिक, राहुल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। आज का दौरा केवल पहले फेज के लिए है। 2 फेज के लिए वे दोबारा आएंगे।
जम्मू-कश्मीर चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को 3 फेज में होने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों का नाम तय किया है। इनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया और प्रियंका का नाम भी शामिल है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला ने राहुल गांधी के दौरे को लेकर कहा- नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन से बहुत उम्मीद है। उनकी यात्रा भारत के लिए एक संदेश है, यह उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जिन्होंने हमें पाकिस्तानी कहा। केंद्र शासित प्रदेश बनने पर गठबंधन मजबूरी नहीं बल्कि जरूरत है।

जम्मू कश्मीर चुनाव के फेज-1 से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने कुल 59 सीट पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 और कांग्रेस ने 9 उम्मीदवारों का ऐलान किया है।
दोनों पार्टियों के बीच 26 अगस्त को सीट शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल हो गया था। इसमें केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी।
5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है। रिजल्ट पहले 4 अक्टूबर को आना था, लेकिन हरियाणा में चुनाव की तारीखें बदलने के बाद जम्मू-कश्मीर का रिजल्ट 4 दिन आगे बढ़ाकर 8 अक्टूबर को कर दिया गया।
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।