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राष्ट्रीय

केंद्र सरकार का जूट किसानों के लिए बड़ा तोहफा

केंद्र सरकार ने जूट किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में 2025-26 सीजन के लिए जूट की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने की मंजूरी दी गई।

जूट की एमएसपी में 6% की वृद्धि
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी, जिसमें बताया गया कि कैबिनेट ने जूट की एमएसपी बढ़ाने की मंजूरी दी है। अब 2025-26 के सीजन के लिए रॉ जूट की एमएसपी में छह फीसदी की वृद्धि कर इसे 5650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब किसानों को प्रति क्विंटल 315 रुपये ज्यादा मिलेंगे, जिसका लाभ खासकर बिहार, बंगाल और असम के जूट किसानों को मिलेगा।

नेशनल हेल्थ मिशन के लिए बड़ा फैसला
इसके अलावा, केंद्रीय कैबिनेट ने नेशनल हेल्थ मिशन को अगले पांच सालों तक जारी रखने का फैसला लिया है। इस मिशन के तहत 2021-22 में 12 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया था।

किसानों को नए साल पर मिला तोहफा
1 जनवरी को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने डीएपी उर्वरक की कीमतों में राहत देने का निर्णय लिया था। अब किसान 50 किलो के डीएपी बैग को 1350 रुपये में प्राप्त करेंगे, जिससे सरकार 3850 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी देगी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई थी, इसके लिए सरकार ने 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था।

रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने रबी फसलों की एमएसपी बढ़ाने का भी निर्णय लिया था। इसमें चना, गेहूं, मसूर, सरसों, जौ और सनफ्लावर सीड्स शामिल थीं। गेहूं की एमएसपी 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों की एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर 5950 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई थी।

एमएसपी: किसानों की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा का आधार
एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह राशि है, जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसलें खरीदती है, चाहे बाजार में कीमत कुछ भी हो। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय की सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

Anil Sahu

मुख्य संपादक

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