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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के एलुमिना-प्लांट में हॉपर गिरा, 4 मजदूरों की मौत:ओवरलोड कोयले के चलते हादसे की आशंका; विधायक मिंज बोले- कंपनी पर होगी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एलुमिना प्लांट में हॉपर गिरने से 4 मजदूरों की मौत हो गई। मां कुदरगढ़ी प्लांट में कोयले से लोड हॉपर और करीब 150 फीट बेल्ट गिरने से यह हादसा हुआ। हॉपर गिरने से 7 मजदूर दब गए थे।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 4 मजदूरों की डेड बॉडी मिली। वहीं 3 लोगों को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अंबिकापुर में भर्ती किया गया है। इसमें से एक की हालत गंभीर है। वहीं हादसे के दौरान 2 लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।

सिलसिला में संचालित मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में सुबह करीब 11 बजे काम चल रहा था। बताया जा रहा है हॉपर में कोयला ओवरलोड था। आशंका है कि, इसी के चलते हादसा हुआ होगा। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है।

मां कुदरगढ़ी एलुमिना प्लांट में ये हादसा हुआ है।

मौके पर लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज भी पहुंचे। विधायक ने कहा कि कंपनी का कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं है। स्ट्रक्चरल इंजीनियर घटना का कारण बता लगाएंगे। हालांकि इसमें लापरवाही दिख रही है। सुरक्षा के साधन नहीं हैं। विधायक ने मारे गए मजदूरों के परिजनों को मुआवजा देने एवं उनके शवों को घरों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।

  1. प्रिंस ठाकुर- मंडला, मध्यप्रदेश
  2. मनोज सिंह- सागर, मध्यप्रदेश
  3. करणवीर मांझी- गया, बिहार
  4. रमेश्वर- गया, बिहार
मजदूरों को बाहर निकालने के लिए कटर और जेसीबी का इस्तेमाल किया गया

मौके पर लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज भी पहुंचे। विधायक ने कहा कि कंपनी का कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं है। स्ट्रक्चरल इंजीनियर घटना का कारण बता लगाएंगे। हालांकि इसमें लापरवाही दिख रही है। सुरक्षा के साधन नहीं हैं। विधायक ने मारे गए मजदूरों के परिजनों को मुआवजा देने एवं उनके शवों को घरों तक पहुंचाने का निर्देश दिया है।

हादसे के बाद कोई ऐसी टीम नही थी जिसे रेस्क्यू ऑपरेशन का अनुभव हो। झारखंड से आए मजदूर ही अपने साथियों को बचाने में जी-जान लगाकर कूद पड़े। उनका सहयोग साथी इंजीनियर भी कर रहे थे लेकिन उन्हें भी इस बारे में कोई अनुभव नहीं था। प्रशासन को देर से सूचना मिलने के कारण एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को नहीं बुलाया जा सका।

प्लांट में मैनपाट से लाए गए बॉक्साइट से एलुमिना बनाया जाता है। एल्युमिनियम प्लांट में लगभग 300 मजदूर काम करते हैं। बड़े-बड़े बॉयलर और मशीन लगी हुई है। सेफ्टी मैनेजर के बारे में जब जानकारी मांगी गई, तब पता चला यहां ऐसा कोई पद नहीं है। घायलों को बोलेरो में भेजा गया। डेढ़ बजे जब पुलिस और प्रशासन की टीम प्लांट पंहुची तब एंबुलेंस भी बुलाई गई।

Anil Sahu

मुख्य संपादक

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