जाको राखे साइयां मार सके ना कोई… त्रेतायुग में राजा जनक को जमीन से मिली थी मां सीता, कलयुग में मिट्टी में दबी मिली ‘बस्तर की जानकी’
जगदलपुर। “जाको राखे साइयां मार सके न कोई” ये कहावत एक बार फिर से बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के बारूपाटा में चरितार्थ होते दिखी. जहां एक निर्दयी मां ने अपने चंद घंटे के जन्मे बच्चे को मारने के उद्देश्य से चूहे के बिल में डालकर ऊपर से मिट्टी पाट दी. लेकिन जब सुबह गांव के सरपंच पति खेतों से गुजर रहे थे तभी उन्हें बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी. जिसके बाद उन्होंने तत्काल नवजात के ऊपर से मिट्टी हटा कर उसे चूहे के बिल से बाहर निकाला. वहीं 108 एम्बुलेंस की मदद से स्वस्थ केंद्र भेजा गया.जानकारी के मुताबिक, प्रेम प्रसंग में गर्भवती हुई महिला ने अपने बच्चों को छुपाने के इरादे से इस घटनाक्रम को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस गांव में पूछताछ कर रही है. नवजात बच्ची को सुरक्षित निकालने के बाद मेडिकल स्टाफ ने उसका प्राथमिक उपचार करने के बाद 108 एंबुलेंस के जरिए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है. जहां बच्चे की हालत में सुधार बताया जा रहा है. पूरे मामले की कोडेनार पुलिस जांच कर रही है.