केजरीवाल का मिडिल क्लास मेनिफेस्टो: क्या दिल्ली चुनाव में AAP का मास्टर स्ट्रोक है?

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ‘मिडिल क्लास’ के अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में चौथी बार उनकी सरकार बनती है, तो वे मध्य वर्ग को टैक्स में राहत देने का काम करेंगे। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि मिडिल क्लास को केवल “एटीएम” बना दिया गया है—सरकार उनसे सिर्फ वसूलती है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं मिलता। केजरीवाल ने इस बयान के जरिए भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े समर्थक माने जाने वाले मध्य वर्ग को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की है।
बीजेपी के वोट बैंक को तोड़ने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल का कहना है कि देश में मिडिल क्लास सबसे ज्यादा परेशान है। उनकी आधी से ज्यादा आय टैक्स चुकाने में चली जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मिडिल क्लास को आम आदमी पार्टी का समर्थन मिल गया, तो बीजेपी को कमजोर करना आसान हो जाएगा। केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मिडिल क्लास के लिए सात प्रमुख मांगें रखी हैं, जो सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं।
मिडिल क्लास की प्रमुख समस्याएं
केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि मिडिल क्लास किसी भी समाज की रीढ़ होती है। यदि यह वर्ग कमजोर होता है, तो समाज की संस्कृति, सभ्यता और विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि आयकर सीमा बढ़ाने और हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स हटाने जैसी मांगें वर्षों से लंबित हैं। खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इन मांगों के समर्थन में अपील कर चुके हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
मिडिल क्लास की नाराजगी
मिडिल क्लास लंबे समय से नाराज रहा है कि उनकी भारी टैक्स अदायगी के बावजूद उन्हें सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता। हालांकि, उनकी नाराजगी के बावजूद वे अभी भी बीजेपी को वोट देते रहे हैं।
क्या आप सरकार ने मिडिल क्लास के लिए कुछ किया?
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पिछले 11 वर्षों से दिल्ली में सरकार चला रही है। हालांकि, मिडिल क्लास के लिए उनकी उपलब्धियां सवालों के घेरे में हैं।
- मुफ्त बिजली और पानी: यह योजनाएं गरीबों के लिए फायदेमंद साबित हुईं, लेकिन मिडिल क्लास को इसका कोई विशेष लाभ नहीं मिला। मिडिल क्लास का बिजली और पानी का उपभोग अधिक होता है, जिससे उन्हें इन योजनाओं का फायदा नहीं मिल पाता।
- मोहल्ला क्लीनिक: गरीबों के लिए यह योजना उपयोगी है, लेकिन मध्य वर्ग के लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते।
- निजी स्कूलों की फीस कैपिंग: इस कदम से दिल्ली में निजी स्कूलों का विस्तार रुक गया। अब अधिकांश नए स्कूल एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में खुल रहे हैं, और दिल्ली के बच्चे नोएडा या गुरुग्राम जैसे शहरों में पढ़ने के लिए जाते हैं।
11 साल में मिडिल क्लास के लिए क्या बदला?
आप सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक जरूर खोले, लेकिन नए सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की संख्या में वृद्धि नगण्य रही। इसके विपरीत, दिल्ली में मिडिल क्लास के परिवारों को ऐसा कोई बड़ा लाभ नहीं मिला जिससे उनकी जिंदगी में कोई सकारात्मक बदलाव आया हो।
अरविंद केजरीवाल द्वारा मिडिल क्लास के अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार पर हमले का उद्देश्य साफ है—बीजेपी के मजबूत वोट बैंक में सेंध लगाना। हालांकि, उनकी अपनी सरकार की नीतियां मिडिल क्लास को लेकर अब भी सवालों के घेरे में हैं।