इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी थी इजाजत पर ईदगाह कमेटी पहुंच गई सुप्रीमकोर्ट।
छग संवाद समाचार 18जनवरी 👉एक तरफ जहां सभी सनातनी अयोध्या में भगवान श्री राम लाल जी का मंदिर बनने के बाद अब मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि की ओर देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अब सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस निर्णय पर रोक लगा दी है जिसमें श्री कृष्णा जन्मभूमि को कथित तौर पर तोड़ कर बनाई गई मस्जिद की 14 दिसंबर 2023 को सर्वे करने की इजाजत दे दी थी, जिस पर अब 16 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
पता चला है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सर्वे करने की इजाजत दिए जाने के बाद ईदगाह की मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस केस की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में हो सकती है, किंतु 14 दिसंबर 2023 के कमिश्नर नियुक्त करने की आदेश और सर्वे को अभी रोका जा रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगामी सुनवाई 23 जनवरी 2023 को करने का निर्णय लिया है।
बता दें की याचिका हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रीना और सिंह वकील विष्णु शंकर जैन सहित सात लोगों द्वारा लगाई गई थी। निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और दीपंकर दत्ता की बैंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इसकी अगली सुनवाई यहीं होने वाली है इसलिए तब तक कृष्ण जन्मभूमि का सर्वे नहीं किया जा सकता। बता दें कि 14 दिसंबर 2023 को हिंदू पक्ष को मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि पर बनाई गई ईदगाह के सर्वे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी थी।
अदालत ने इस बारे में दायर याचिका को मंजूर करते हुए सारे परिसर की जांच के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति करने की मांग को भी मान लिया था। हिंदू पक्ष के अनुसार मथुरा में स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटा कर ईदगाह का ढांचा जबरदस्ती उस जगह बना दिया गया था जहां पर भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था। हिंदू पक्ष शुरू से कहता आया है कि इस जगह पर जबरन कब्जा करके यहां ढांचा बनाया गया है।
हिंदु पक्ष के अनुसार इस स्थान पर ऐसे बहुत सारे प्रमाण हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि यहां पर पहले मंदिर ही था। हिंदू पक्ष के अनुसार भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म कारागार में हुआ था और यह जन्म स्थान वर्तमान में ईदगाह के ढांचे के ठीक नीचे है। इतिहास के अनुसार सन 1670 में आतताई औरंगजेब ने मथुरा पर हमला करके श्री कृष्ण जन्मस्थली पर बने केशव देव मंदिर को विध्वंस करके उसके ऊपर ईदगाह का ढांचा बनवा दिया था।
लगभग 13.37 एकड़ जमीन पर दवा करते हुए हिंदू पक्ष लंबे समय से श्री कृष्णा जन्म भूमि से ईदगाह हटाने की मांग करता आ रहा है।
